सदर अस्पताल में परिवार नियोजन मेले का हुआ आयोजन।

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  • परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के लगाए गए स्टॉल
  • अस्पतालों में लगे मेले में परिवार नियोजन की सामग्री बांटी
  • दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहने से जच्चा और बच्चा, दोनों रहता है स्वस्थ

मधुबनी ब्यूरो / सुमित कुमार राउत

मधुबनी जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 02 सितंबर से 30 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान का आयोजन किया जा रहा है। अभियान के सफल संचालन के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी जानकारी उपलब्ध हो सके और इच्छुक दंपत्तियों द्वारा इसका लाभ उठाया जा सके। 02 सितंबर से 14 सितंबर तक जिले के सभी प्रखंडों में दंपती संपर्क पखवाड़े का आयोजन किया गया, जिस दौरान योग्य दंपतियों की पहचान कर उन्हें परिवार नियोजन सुविधाओं की जानकारी दी गई। 17 सितंबर से 30 सितंबर तक सभी प्रखंडों में सभी इच्छुक दंपतियों को परिवार नियोजन सेवा का लाभ उपलब्ध कराने के लिए परिवार नियोजन सेवा पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत  योग्य दंपति को बंध्याकरण के लिए जागरूक किया गया। योग्य दंपति को अस्पताल लाकर बंध्याकरण कराया जाएगा। इसी क्रम मे बुधवार को सदर अस्पताल में परिवार नियोजन मेले का आयोजन किया गया, जिसमें परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों से संबंधित सामग्री की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें नियोजन से संबंधित सामग्री कंडोम,कॉपर-टी,अंतरा,माला-डी सहित अन्य साधनों के स्टाल लगाए गए तथा लाभार्थियों के बीच उचित परामर्श देकर वितरित किए गए।

दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहने से जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है :

सिविल सर्जन डॉ नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया कि परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत जिले के एक बच्चे वाले दंपत्ति की काउंसिलिंग की जा रही है। उन्हें दूसरे बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रखने की सलाह दी जा रही है। दो बच्चे के बीच तीन साल का अंतराल रहने से जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है। बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की बीमारी से वह लड़ने में सक्षम होता है। साथ ही नवविवाहिताओं को पहले बच्चे की योजना 20 साल के बाद ही करने की भी सलाह दी जा रही है।

महिला के मुकाबले पुरुष की नसबंदी है ज्यादा आसान :

सिविल सर्जन डॉ. नरेश भीमसारिया ने बताया कि महिला के मुकाबले पुरुष की नसबंदी ज्यादा आसान है। इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है। इसलिए लोग अपने अंदर से डर को निकालें और पुरुष नसबंदी के लिए आगे आएं। परिवार नियोजन के कई फायदे हैं। छोटा और सुखी परिवार रहने से न सिर्फ स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि परिवारों को आर्थिक सुविधा भी मिलती है।

मेले में परिवार नियोजन की जागरूकता के साथ सामग्री का वितरण :

जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा ने बताया परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों में लगे मेले के स्टॉलों पर लोगों को परिवार नियोजन से संबंधित अस्थाई सामग्री दी गई। कंडोम,कॉपर-टी और अंतरा का वितरण किया गया। लोगों को परिवार नियोजन में इसका इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया गया। उन्हें समझाया गया कि इससे किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसलिए परिवार नियोजन को लेकर निःसंकोच इसका इस्तेमाल करें। पखवाड़ा के दौरान वैकल्पिक उपायों की भी जानकारी दी गयी,ताकि, अगर कोई महिला परिवार नियोजन ऑपरेशन को अपनाने के लिए इच्छुक है किन्तु, उनका शरीर ऑपरेशन के लिए सक्षम नहीं है, तो ऐसी महिला को वैकल्पिक व्यवस्था में शामिल कंडोम, काॅपर-टी,छाया,अंतरा समेत अन्य उपायों को अपना सकती हैं। वहीं, उन्होंने बताया कि वैकल्पिक उपाय भी पूरी तरह सुरक्षित है।

इस मेले में अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन,डीपीएम पंकज कुमार मिश्रा,अस्पताल प्रबंधक अब्दुल मजीद पिरामल के जिला लीड धीरज सिंह, ललन सिंह,पीएसआई के दया सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।

  • Sudhansu Kumar

    सुधांशू कुमार ( बिहार ब्यूरो ) शंखनाद टाइम्स। खबरों से समझौता नहीं।बिहार में हो रहे जातिवाद राजनीतिक से मैं खफा हूँ। समाज मे फैली हुई जाति वादी रूपी ज़हर को जड़ से दूर करने की मानसिकता के साथ,अपने लक्ष्य को अटल मानकर मैं पत्रकारिता में शामिल हुआ हूँ। जय बिहार,भारत माता की जय,जय सियाराम🙏। " सही लोग " " सही सोच " " समाज की आवाज़ " ✍️ खबरों से समझौता नही ✍️ 🇮🇳🚩

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