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खुसरूपुर।गंगा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के पानी के कारण किसानों के खेतों में बोए गए सैकड़ों एकड़ की अलग-अलग फसलें जलमग्न हो चुकी हैं।
बाढ़ के चलते सबसे ज्यादा समस्या जानवरों को चारे और उनके रहने का संकट खड़ा हो गया है। बाढ़ का असर प्रखंड के अनेक गांवों पर पड़ा है।
गंगा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंता भी बढ़ गई है।गंगा की बाढ़ से प्रखंड के तीन पंचायत हरदासबीघा, बैकठपुर और मौसीमपुर बाढ़ प्रभावित है।
इन पंचायतों के अनेक गांव बाढ़ प्रभावित है। गंगा में बाढ़ से फुलवरिया बिंदटोली एवं बैकठपुर के निचली बाइपास मार्ग पर बाद का पानी आ गया है, जिससे आवागमन प्रभावित है।
गांवों में बाढ़ पानी आ जाने से लोग चिंतित नजर आ रहे हैं।
गंगा के तटवर्ती इलाके के करीब आधा दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
बाढ़ के पानी के कारण किसानों के खेतों में बोई गई फसलें जलमग्न हो चुकी हैं।
बाढ़ के पानी के चलते सबसे ज्यादा समस्या जानवरों को चारे और उनके रहने का संकट खड़ा हो गया है।
ग्रामीण बाढ़ को लेकर काफी भयभीत हैं। बाढ़ के पानी से गांव किनारे लोगों के घर और झोपड़ियां पानी से घिर गई हैं।
हरदासबीघा पंचायत के बिंदटोली वार्ड नंबर दस स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में पानी घुस गया है।इसके कारण बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है।
एहतियातन स्कूल को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।रिहायशी आवासों और झोपड़ियों में पानी घुसने के कारण इन सभी घरों से लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं।गंगा की तलहटियों में डेरे पर अपने परिवार और जानवरों संग रहने वाले ग्रामीण अब सुरक्षित ठिकानों की रूख कर रहे हैं।
इस बीच अंचल पदाधिकारी उत्तम राहुल ने बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा कर लोगों की समस्याओं से रूबरू हुए।उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि सरकार से मिलने वाली सहायता प्रदान की जाएगी।