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- धूमधाम से 301 कुंवारी कन्याओं के द्वारा निकाली गई कलश शोभायात्रा
मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड में शक्ति की उपासना आदिकाल से चली आ रही है। वस्तुत: श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के अंतर्गत देवासुर संग्राम का विवरण दुर्गा की उत्पत्ति के रूप में उल्लेखित है। समस्त देवताओं की शक्ति का समुच्चय जो आसुरी शक्तियों से देवत्व को बचाने के लिए एकत्रित हुआ था, उसकी आदिकाल से आराधना दुर्गा-उपासना के रूप में चली आ रही है।
सिद्धि और साधना की दृष्टि से से शारदीय नवरात्र को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस नवरात्र में लोग अपनी आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति के संचय के लिए अनेक प्रकार के व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, भजन, पूजन, योग-साधना आदि करते हैं।
बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के विद्यापति चौक इस विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी धूम धाम से मां दुर्गा पूजा मनाया जा रहा है। इस मौके पर विद्यापति चौक से बलहा घाट से कलश 301 कुंवारी कन्याओं के द्वारा कलश उठाई गई।
मौके पर मेला अध्यक्ष मनोज यादव ने बताया कि इन रात्रियों में ग्रहों के अद्भुत योग के कारण ब्रह्मांड दिव्य ऊर्जाओं से भर जाता है। इन ऊर्जाओं को अपने शरीर में अनुभव करने के लिए, नवरात्र में यज्ञ, भजन, पूजन, मंत्र जप, ध्यान, त्राटक आदि साधनाएं की जाती है। संयमित जीवन जीकर उपवास रखा जाता है, केवल सात्विक आहार लेते हैं, जिससे शरीर शुद्ध रहता है। दिन भर भगवती भाव का शुद्ध विचार रखते हैं। यह कलश सुख-समृद्धि और मगंल कामनाओं का प्रतीक है। कलश के साथ ही बालू की वेदी बनाकर या किसी पात्र में जौ बोए जाते हैं। जौ बोने से धन-धान्य की वृद्धि होती है, जौ को सृष्टि की पहली फसल के रूप में भी माना जाता है। साथ ही मां दुर्गा की मूर्ति को स्थापित कर उसको सजाकर अखंड दीप जलाया जाता है।
इस मौके पर जीतन यादव, पत्रकार राकेश यादव, सुधीर यादव, कैलाश यादव, अनिल यादव, विश्वनाथ यादव, भोला पासवान, विजय यादव, उमेश साह, वीरेंद्र यादव, गणेश यादव, धर्मलाल यादव, रंजन कुमार मंडल, शंभू साह सहित मेला के सदस्य एवं ग्रामीण उपस्थित थे।