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गुरुवार को शारदीय नवरात्रि को लेकर जिले के कलुआही प्रखंड के राढ़/विराटपुर गांव स्थित ऐतिहासिक राजा विराट गढ़ के विराटेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में गाजेबाजे के साथ भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें 201 कुमारी कन्याओं ने भाग लिया। यह यात्रा मंदिर परिसर से चलकर विराटपुर, राढ़, अरघावा और कमलपुर होते हुए मनमोहन के बछराजा नदी से पवित्र जल लेकर गांव का परिभ्रमण करते हुए पुनः पूजा पंडाल में पहुंची, जहां पंडित द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण कर कलश को स्थापित किया गया। वही मौके पर कलश में भाग लेने वाली सभी कन्याओं के बीच कोल्ड ड्रिंक केला और सेब समेत अन्य फलों का वितरण किया गया।
आयोजक समिति के अध्यक्ष सह महंत हनुमान दास जी महराज ने बताया कि आज कलश स्थापना के साथ ही पूजा की विधिवत शुरुआत कर दी गई है, जो 11 अक्टूबर तक चलेगी। वही 12 अक्टूबर को दशहरा यानी विजय दशमी के साथ ही संपन्न किया जाएगा। यहां हर साल ग्रामीणों के सहयोग से दुर्गा पूजा समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है। यहां की मां वैष्णवी रूप में विराजमान है, जिसको लेकर यहां बलि प्रदान कि अनुमति नही है। उन्होंने कहा आज कलश स्थापना के साथ ही श्रीधाम वृन्दावन से आए कथा प्रवक्ता राघव दास शास्त्री जी महराज के मुखारबिंदु से 10 दिवसीय श्रीभक्तमाल कथा भक्तों को अनुश्रवण कराया जायेगा।
स्थानीय उप प्रमुख चंदन प्रकाश यादव, बद्री दास महाराज और सिंहेश्वर ठाकुर ने यह भी बताया कि लगातार छः वर्षो से दुर्गा पूजा का आयोजन युवा समिति के सहयोग और समाज से मिली आर्थिक मदद से किया जा रहा है। ये गढ़ कई हजार साल पुराना महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। फिर भी पर्यटन विभाग या विभागीय अधिकारी कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में हमारे समाज एवम् क्षेत्र के विधायक और सांसद को चाहिए इस मिथिलांचल की धरोहर को बचाने को लेकर विशेष पहल करें।