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- 1 नवंबर 2024 से चिन्हित नए मरीज के लिए लागू होगी योजना
- डीबीटी के माध्यम से मरीज के खाते में ट्रांसफर की जाएगी राशि
- उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है पोषण
केंद्र सरकार ने टीबी के रोगियों के लिए निक्षय पोषण पोषण सहायता राशि बढ़ा दी है। इसे मौजूदा राशि से 500 से दोगुना कर 1000 कर दिया गया है। इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव एवं मिशन निदेशक आराधना पटनायक ने पत्र जारी किया है। जारी पत्र के अनुसार यह योजना आगामी 1 नवंबर 2024 से चिन्हित नए मरीज के लिए लागू की जाएगी, जिसके तहत चिन्हित मरीजों को प्रथम किस्त के रूप में तीन माह की (84 दिन) अग्रिम राशि 3000 रु. प्रथम किस्त के रूप में डीबीटी के माध्यम से मरीज के खाते मे दी जाएगी। फिर अगले 84 दिन के लिए दूसरी किस्त के रूप मे 3000 का भुगतान डीबीटी के माध्यम से की जाएगी। अगर मरीज का इलाज उससे आगे होता है, तो प्रतिमाह खाते में 1000 रु. की भुगतान की जाएगी।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन :
मधुबनी जिला सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार भीमसारिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग जिले टीबी मुक्त देश बनने के लिए दृढ़ संकल्पित और प्रतिबद्ध है।उन्होंने बताया जिले में जनवरी 2024 से सितम्बर 2024 तक टीबी के 6262 मरीज चिन्हित हुए, जिसमें प्राइवेट में 3963 सरकारी संस्थान में 2299 हुए वहीं अगस्त माह में टीबी के 736 मरीज चिन्हित हुए जिसमें सरकारी संस्थान में 372, प्राइवेट में 348 व एमडीआर के 16 मरीजों की पहचान की गई है। जांच में तेजी लाई गई है।
उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है पोषण :
उन्होंने कहा कि चूंकि रोग के उपचार में पोषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए टीबी मरीजों को मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इसके तहत पोषण के लिए मासिक सहायता राशि दोगुनी कर दी गई है। अब टीबी रोगियों के सभी घरेलू संपर्कों को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत कवर किया जाएगा। उन्हें सामाजिक समर्थन दिया जाएगा।
क्या है निक्षय पोषण योजना :
संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. जी.एम. ठाकुर ने बताया अधिकांश टीबी मरीज गरीब घरों के होते हैं। टीबी होने पर मरीज को दवा के साथ प्रोटीन व पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है, लेकिन गरीबी के कारण ऐसे मरीज पौष्टिक भोजन नहीं कर पाते हैं।
इसी को देखते हुए सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना की शुरूआत की गयी है, ताकि मरीज को पौष्टिक भोजन मिल पाए।