Share this
मधुबनी में लोक कला कुंभ द्वारा संचालित बॉलीवुड डांस स्कूल झिझिया उत्सव की 11वीं वर्षगांठ इस बार मना रहा है, जहां लगभग एक सौ बीस बच्चों का झिझिया प्रशिक्षण चलाया गया। यह 2 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक चला। जहां बच्चे अष्टमी को झिझिया की प्रशिक्षण के बाद झिझिया उत्सव के रूप में इसे मनाया।
संगठन के निदेशक विक्रांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया 2013 में मुंबई से आने के बाद झिझिया को झिझिया उत्सव के रूप में मनाने का और अपने इस लोक नृत्य को और लोकप्रिय बनाने का जन-जन में समाज में हर जगह इस विलुप्त लोक नृत्य को सजाने का काम कर रही है।
आज मधुबनी के अभिभावक को और बच्चों के सहयोग और मेरे प्रयास से झिझिया समाज के बहुत बच्चे सीखने में अपनी रुचि रखते हैं। शुरुआत में यह थोड़ा कठिन था। केवल तीस बच्चों के साथ झिझिया की शुरुआत हुई थी। आज यह हर वर्ष हजारों बच्चे से सीखते हैं। झिझिया उत्सव के अलावा बॉलीवुड डांस स्कूल ने स्कूलों में गांव-गांव,शहर-शहर पहुंचा। अब घर-घर के माध्यम से मधुबनी के स्कूलों के अलावा सहरसा,सुपौल,मधुबनी एरिया,वीरपुर,दरभंगा,मुजफ्फरपुर हर जगह के स्कूलों में झिझिया नृत्य को बच्चों के बीच रखने का प्रयास करती आ रही है। यहाँ प्रशिक्षण के हर बैच में बीस बच्चों की प्रशिक्षण झिझिया बिटिया की टीम और निर्देशक विक्रांत के द्वारा चलाया जा रहा है। ऐसे में सभी बच्चों में एक अलग उत्साह है।
बता दे की डांस स्कूल पिछले 25 अपनी संस्था चला रही है। जहां 20 वर्षों से झिझिया कर रही है और यह 11 वर्ष झिझिया उत्सव के रूप में मना रहा है, जो इस बार का झिझिया उत्सव में एक खास बात यह भी है।
इस मौके पर बॉलीवुड डांस स्कूल के निदेशक विक्रांत कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि झिझिया के प्रचार-प्रचार और इसकी लोकप्रियता के लिए दशहरा के दसों दिन जरिया बिटिया की टीम बॉलीवुड डांस स्कूल की झिझिया बिटिया की टीम जगह के गांव में समाज में संध्या आरती के समय मंदिरों में झिझिया कर इसका प्रचार-प्रसार कर विलुप्त हो रही संस्कृति को संभालने का काम और इसे लोकप्रिय बनाने का काम कर रही है। झिझिया को लोकप्रिय बनाना इतना आसान नहीं था। आज या पूरे बिहार में पूरे देश में विश्व में कहीं ना कहीं किसी ने किसी रूप में खेला जाता है। उसकी लोकप्रियता इतनी बड़ी है कि कोई भी डांडिया नाइट बिना झिझिया के संभव नहीं हो पाता। बॉलीवुड डांस स्कूल के प्रयास और आप सभी अभिभावकों का स्कूल निदेशकों का और हमारे शुभचिंतक को माता-पिता का आशीर्वाद एवं सहयोग है, जिसकी वजह से हम आज झिझिया को लेकर यहां तक पहुंचे हैं। अपनी परंपरा को सड़कों पर प्रदर्शन कर दिखाते हुए हमें बॉलीवुड तक पहुंचाना गरबा व डांडिया की तरह झिझया का पूरे देश में नाम करना है। फिल्मों में आना,अपना लोक नृत्य बिहार में एक अलग स्थान ले इसके लिए प्रयास करना संस्था का मुख्य उद्देश्य है। ऐसे में आप सबों का सहयोग ही अपनी झिझिया को उसे जगह तक लेकर जा सकता है, जो आपने किया है। झिझिया के प्रति आपका सहयोग करने ऐसे ही बना रहे यही आशा करता हूं। धन्यवाद और यहां के सांसद,विधायक जिला के सभी लोगों से गाने में उनसे अपील करता हूं कि अपना झिझिया उसे जगह तक जाए इसके लिए आपका भी सहयोग किसी ने किसी रूप में मिला है और आगे भी मिलता रहे।