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बांका,
गौमाता के प्राणों की रक्षा व गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने हेतु अथक प्रयास कर रहे परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज सरकार द्वारा गोकशी रोकने के सार्थक प्रयास न होने से रूष्ट होकर बिहार चुनाव को प्रभावित कर नेताओं को सबक सिखाने के उद्देश्य से बिहार में गौमतदाता संकल्प यात्रा के अंतर्गत सभी जिलों में सनातनधर्मियों से संवाद स्थापित कर उन्हें गौमतदाता बनाने हेतु भ्रमण कर रहे हैं।
उसी क्रम में आज बांका पहुचे पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज ने गौमतदाता संकल्प सभा मे उपस्थित गौभक्तों की भारी भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा कि गौहत्या बन्द करने की हमारी मांग नही सुनी जा रही है और 80 साल से बन रही सभी सरकारें गौहत्यारी है।

बहुसंख्यक हिंदुओं की भावना के प्रतिकूल जाकर सरकारें बूचड़खाने को लाइसेंस दे रही हैं और गौहत्यारों को सब्सिडी देकर गौहत्यारों से चन्दा ले रही हैं।ऐसे नेताओं को वोट देने के कारण हम भी गौहत्या के पाप के भागीदार बनेंगे।गौहत्या की इंडस्ट्री में अथाह पैसा है जिसे पाने की लालच में नेता गौहत्या को बढ़ावा दे रहे हैं।

श्रीशंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि समुद्र मंथन में निकले चौदह रत्नों में गौमाता भी हैं,ये भूमि एक तरह से गौमाता की उत्तपत्तिस्थल भी है।जिस घर मे गौमाता रहती हैं वहां के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।गौमाता के मूल स्थान बिहार की तीन गौप्रजाति बछौर,पूर्णिया और गंगातीरी धीरे धीरे विलुप्त होने की कगार पर हैं।
6 वर्ष पहले बिहार सरकार के अनुसार इन प्रजाति के गौमाता की संख्या मात्र 1500 बची थी।तब से लेकर अबतक 6 वर्ष तक बीत चुके हैं,आप स्वतः अनुमान लगा सकते हैं कि गौमाता की कितनी दयनीय व चिंतनीय स्थिति है।
भारत भूमि में मनुष्य जन्म केवल सत्कर्मों का ही नही अपितु भगवत्कृपा का भी परिणाम है।84 लाख योनियों में भटकते जीव को मनुष्य शरीर की प्राप्ति धर्मानुसार जीवन व्यतीत करने व गुरु-गौसेवा हेतु हुआ है।
भोगायतनं शरीरं भोग को भोगने के लिए शरीर की प्राप्ति होती है,शब्द, स्पर्श,रूप,रस,गन्ध आदि विषय का उपभोग बिना शरीर नही हो सकता।

अन्य जीवों के शरीर और मनुष्य शरीर में यही अन्तर है कि बांकी शरीर से केवल फल भोगा जा सकता है,लेकिन मनुष्य शरीर से नए कर्म की किए जा सकते हैं।
हमको पता है कि हम अपना भविष्य कैसे सुधार सकते हैं,लेकिन पशु को इसकी चिन्ता नही होती।हम अपने मनुष्य जीवन को गौसेवा करके सार्थक बना सकते हैं।हमारे पूर्वजों ने दूध के लिए नही बल्कि उनकी कृपा हेतु गौसेवा की।
उक्त जानकारी देते हुए श्रीशंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि समुद्र मंथन के समय जिस मंदार पर्वत का वर्णन आता है उस पर्वत के सहित समुद्र मंथन से निकली कामधेनु गौमाता के मन्दिर का दर्शन परमाराध्य शंकराचार्य जी महाराज ने किया।साथ ही पापहारिणी कुंड जिसमें स्नान करके महाराज दिलीप स्वस्थ हुए थे उस कुंड के मध्य विराजित भगवान लक्ष्मीनारायण के मङ्गलमय दर्शन भी शंकराचार्य जी महाराज ने किया।मंच पर शंकराचार्य जी महाराज को अवधेश ठाकुर ने पगड़ी पहना कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

बांका के देवाशीष पाण्डेय जी के आवास पर बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री श्री जयंत राज कुशवाहा ने शंकराचार्य जी महाराज का मङ्गलमय दर्शन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया
शंकराचार्य जी महाराज ने श्री सुजीत चौधरी को मिथिला क्षेत्र का प्रभारी घोषित किया तथा श्री दीपक खेतान जी को अंग क्षेत्र का प्रभारी घोषित किया।बांका के मधुसूदन मन्दिर में आयोजित गौ मतदाता संकल्प सभा में दोनों के नाम की घोषणा की गई।पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज ने आशीर्वाद स्वरूप दोनो लोगों को माला और उपवस्त्र प्रदान किया है

गौमतदाता संकल्प सभा मे प्रमुख रूप से सर्वश्री – स्वामी प्रत्यक्चैतन्यमुकुन्दानन्दगिरिः, श्रीनिधिरव्यानन्द सागर, शंकर बाबा, भावानन्द ब्रह्मचारी, देवाशीष पाण्डेय, शिवकुमार, कोशल सिंह, नितिन पाण्डेय, हरीश केडिया, गोपाल चौधरी, दिलीप सर्राफ, अवधेश ठाकुर, नीलमणि झा, शैलेन्द्र योगी, सोनू चौधरी सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।
सभा का संचालन यात्रा सहसंयोजक श्री देवेंद्र पाण्डेय ने किया ।
