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मर मिटने को हम हैं तैयार, नहीं बनने देंगे अल्पसंख्यक छात्रावास, किसानों को दे फसल नुकसान का मुआवजा जमीन की जांच करें सरकार : विधायक हरिभूषण ठाकुर “बचोल”।
मधुबनी जिले के बिस्फी प्रखंड क्षेत्र के उसौथू लालपुर के पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वक्क बोर्ड की जमीन को अतिक्रमण किए जाने को लेकर प्रशासन के द्वारा 17 सितंबर को अतिक्रमण हटा दिया गया।
इसके बाद प्रस्तावित अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय व छात्रावास लगभग 60 करोड़ की राशि से बनाने का रास्ता साफ हो गया।
सहायक निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मधुबनी के दिशा निर्देश के आधार पर डीएम के आदेश पर पांच एकड़ जमीन में स्थानीय लोगों के द्वारा अतिक्रमित जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा कर बोर्ड को सौंप दिया गया।
शुक्रवार को इसकी सारी जानकारी मिलने के बाद स्थानीय विधायक सह सचेतक हरीभूषण ठाकुर बचोल ने इस पर कड़ी आपत्ति करते हुए प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए भारी संख्या में किसानों के साथ बन रहे अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय निर्माण कार्य स्थल पर धरना पर बैठ गए।
उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले भी इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग किया गया था। हम गरीबों किसानों के लिए मर मिटने एवं गोली खाने के लिए तैयार है।
कहा कि दस साल से केंद्रीय विद्यालय के लिए सरकार को जमीन नहीं मिलती है। लेकिन वक्क बोर्ड के लिए मिल जाती है। उन्होंने कहा कि यह जमीन वक्क बोर्ड की है या बिहार सरकार की है या शत्रु संपत्ति अधिनियम की या भारत सरकार की या दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक को दिए किसान की है इसकी पहले जांच होनी चाहिए।
कहा कि यह छात्रावास अल्पसंख्यक क्षेत्र में बनना चाहिए जैसे औंसी दामला, दुर्जोलिया, परसौनी जगह पर बनना चाहिए जहां मुस्लिम समुदाय के छात्र छाञा पढ़ सके। लेकिन यह गरीब किसान को दिए गए पर्चे के क्षेत्र में बनाकर के सरकार प्रशासन गलत काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि यहां के हिंदू मुस्लिम किसानों को सरकार के द्वारा पर्चा मिला हुआ है। किसान बड़ी मेहनत और काफी खर्च करके फसल उपजाया था, लेकिन प्रशासन ने उसे बर्बाद कर रौद दिया और फसल को बर्बाद कर दिया। उन्होंने सभी किसानों को फसल क्षति मुआवजा देने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि सरकार गरीबों को उजार देने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में मृत्यु प्रमाण पत्र में, खाद्यान्न सुरक्षा में भारी अवैध वशुली के साथ घर-घर शराब बिक रही है, लेकिन प्रशासन मुख दर्शक बना हुआ है। इसके लिए प्रशासन नहीं है, लेकिन यहां की गरीब की जमीन को दखल करने के लिए पांच दिनों से हजारों पुलिस लगाया गया है।
यह अल्पसंख्यक छात्रावास कुछ नेताओं के द्वारा राशि देखकर इस क्षेत्र में बनाए जाने का आरोप लगाया। पांच एकड़ जमीन में वक्क बोर्ड की छात्रावास निर्माण को रोकने फसल की मुआवजा किसानों को देने की मांग कर रहे थे। कहा कि सभी किसानों को सरकार द्वारा पर्चा दी गई है।
विभाग इसकी जांच करें, तब सीमांकन करें और पता लगाएये कि यह जमीन किसकी है? जब तक इसका निदान नहीं होगा, तब तक धरना पर बैठे रहेंगे। कहा कि विभागीय मंत्री एवं उपमुख्यमंत्री से बात हुई है, निदान नहीं हुआ, तो न्यायालय का शरण लेंगे।