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नीतीश कुमार,मुख्यमंत्री,बिहार द्वारा पटना में अयोजित कार्यक्रम में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के तहत लाभको को योजनाओं की राशि का हस्तानांतरण किया गया। सतत जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत 34000 लाभार्थियों को जीविकोपार्जन हेतु 113 करोड रुपए की राशि का हस्तानांतरण किया गया।जीविका अंतर्गत 48500 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि के रूप में 400 को रुपए का हस्तांतरण किया गया। जीविका अंतर्गत 15314 स्वयं सहायता समूहों को 537करोड़ 33 लख रुपए की बैंक के ऋण की राशि का विभिन्न बैंकों के माध्यम से हस्तनांतरण किया गया।
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण के उपरांत एक लाख पचास हजार परिवारों को 180 करोड रुपए प्रोत्साहन राशि का स्थानांतरण किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत एक लाख दस हजार परिवारों की आवास की स्वीकृति तथा एक लाख पाँच हजार लाभार्थियों को प्रथम किस्त के रूप में 420 करोड रुपए स्थानांतरण किया गया।
इसी क्रम ने मधुबनी जिला अंतर्गत 7043 लाभुकों को स्वीकृति पत्र एवं 6580 लाभुकों को प्रथम किस्त की राशि उनके खाते में हस्तांतरित की गई, जिसमें कुल राशि 26 करोड़ 32 लाख रुपए है। मधुबनी जिले में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत शौचालय निर्माण के उपरांत 8906 लाभुकों को 12 000 रुपए की दर से कल 10.7 करोड़ रुपए प्रोत्साहन राशि का स्थानांतरण किया गया।
गौरतलब हो कि पटना में आयोजित उक्त कार्यक्रम का सीधा प्रसारण समाहरणालय स्थित वीसी कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में किया गया, जिसमे जिला पदाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा,डीडीसी दिपेश कुमार,निर्देशक डीआरडीए,डीपीएम जीविका मो. वसीम अंसारी,जीविका दिदिया सहित कई लाभुक उपस्थित थे।
जिलाधिकारी द्वारा प्रतीक स्वरुप पांच लाभुक को आवास योजना के स्वीकृति पत्र वितरित किया गया। मधुबनी जिला में वित्तीय समावेशन एवं सतत् जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत जीविकोपार्जन संवर्धन हेतु निधियों का हस्तांतरण जिला पदाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में कुल 33 करोड़ 55 लाख 60 हजार की राशि का डमी चेक जीविका दीदियों को सौंपा गया। सतत् जीविकोपार्जन योजना (ग्रामीण और शहरी) के तहत 808 लाभार्थियों के व्यवसाय विकास के लिए कुल चार करोड़ 93 लाख का डमी चेक सौंपा गया। वित्तीय समावेशन अंतर्गत 357 ग्राम संगठनों को कुल 28 करोड़ 62 लाख 60 हजार की सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ) का हस्तांतरण किया गया। साथ ही 267 स्वयं सहायता समूहों बैंक ऋण ऋण (सीसीएल) के रूप में 13 करोड़ 80 लाख का हस्तांतरण किया गया।