नेपाल में बलि प्रथा के विरोध में मंगलवार को जनकपुरधाम इस्तिथ जनक मंदिर के परिसर में बलि प्रथा उन्मूलन अभियान समिति,जनकपुरधाम द्वारा वलि प्रथा विरोध में प्रवचन तथा कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया।
प्रेस स्वतंत्रता सेनानी तथा लोकमत साप्ताहिक समाचार पत्र के संपादक, साहित्यकार स्व. राजेश्वर नेपाली की श्रद्धांजलि अर्पण कर किया गया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सनातन धर्म में कही जीव हिंसा की चर्चा नहीं किया। लोग अपनी जिह्वा की स्वाद के लिए वकरे, भेंड़ आदि का बलि देते हैं। धार्मिक नगर जनकपुरधाम जो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का ससुराल है, जो जगत जननी माता सीता की भूमि हैं। रामानंदीय वैष्णव संप्रदाय के साधु-संत रहते हैं, ऐसी पवित्र भूमि पर वलि देना दुःख की बात है। इसके लिए व्यापक अभियान की आवश्यकता है। अगर वलि बकरे को देते हैं कि वह निरीह प्राणी है। हिम्मत है बाघ,शेर का वलि देने की हिम्मत करें।
कवीर अनाथ बाल आश्रम के संचालक महंत सत्य नारायण आलोक की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि राम चंद्र झा थे।
कार्यक्रम में मनभंज साहेब (पटना), अरविंद यादव, श्री नारायण साह,राम सागर पंडित,विपत्ति मंडल,राम करण साहेब,वलराम मंडल,नथुनी साह सहित कई लोगों बिचार रखें।
इस अवसर पर मगही कला सांस्कृतिक कला केन्द्र हरिहर पुर के निर्देशक गोविंद सदाय के नेतृत्व में कलाकारों ने झिझिया नृत्य प्रस्तुत किया।
