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मधुबनी जिले के मधवापुर प्रखंड के साहरघाट में पुराना थाना भवन के पास बने दुर्गा मंदीर में प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्रि के अवसर पर पूजा में भारत और नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आकर विधिवत पूजा अर्चना करते हैं और माता का आशिर्वाद प्राप्त कर मनोवांक्षित मनोकामनायें पाते है, जिससे यहां पूरे दशहरा तक भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है।
खास कर यहां आरती का विशेष महत्व देखा गया है। संध्या आरती में रोजाना कई हजार की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते है, जिसमे सबसे अधिक महिला श्रद्धालुओं की संख्या होती है। ये आरती संध्या 7 बजे से लेकर रात के 9 बजे तक चलती है। आरती के समय श्रद्धालु दोनों हाथ उठाकर ताली बजाते हुए माता के जयकारा के साथ झुम झुम कर मां के भक्ति में लीन नजर आते है।
वही इस मंदीर के पूजारी पंडित ने बताया कि आरती के समय इस मंदिर के अध्यक्ष पदेन थानाध्यक्ष विधि व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर खुद रोजाना आते है और आरती में भाग भी लेते है। साथ ही थानाध्यक्ष पूजा समिति के भी हमेशा संपर्क में रहकर पूजा की हर गति विधि की जानकारी लेते रहते है। वही पूजा के संबंध में श्री मिश्र ने बताया 10 अक्टूबर को निशा पूजा एवम् 11 को महाअष्ठमी और महानवमी व्रत के साथ ही कन्या भोजन और हवन पूजा किया जायेगा।
12 अक्टूबर को विजय दशमी के अवसर पर भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने कहा कि कि शारदीय नवरात्र के शुरुआती दिन से ही साहरघाट बाजार के आस पास उत्सवी माहौल बन जाता है। साथ ही युवा वर्ग के युवाओं से आपसी मतभेद छोड़कर भाईचारा और एकता का परिचय देकर पूजा आयोजन में सहयोग करने का अपील जाता है। इलाके में जय माता दी के नारों से पूरा वातावरण गुंजायमान बना हुआ रहता है। कई लोग बताते हैं कि यहाँ हर मनोकामना पूरी होती है। मां के दरबार में बस सच्चे दिल से मां से मांगने की जरूरत है। आज तक इस दरबार से कोई भी खाली हाथ नहीं लौटा है।