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क्या आप भी सोच में पड़ गए! हां ! एक केरल वैद्य ने 75 वर्ष की उम्र में महंगा आयुर्वेदिक साबुन बनाया है। और इसकी मूल्य ₹10,000 है।
केरल के वैद्य 50 से अधिक वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा का अभ्यास करता आ रहा है। उन्होंने पूरे भारत वर्ष में अपनी आयुर्वेदिक दवा से कई मरीज लोगों को सुधारें। इंटरनेट पे वायरल हो रहा है अब ये नहाने का साबुन ।<?…?>
पिछले कुछ सालो से, त्वचा की समस्याओं वाले कई रोगियों ने उनसे मुलाकात की है। अपनी सभी कठिनाइयां का सामना करने के बाद, केरल के वैद्यर ने पाया कि त्वचा की हर समस्याओं का मुख्य कारण रासायनिक साबुन है जिसका हम हर दिन हम उपयोग में लाते हैं । आज के बाजार में 90% रासायनिक साबुन केवल व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए बनाए जाते हैं। और उनमें लोगों की त्वचा की समस्याओं को सही करने के लिए कोई स्किनकेयर औषधीय तत्व नहीं मिलाए जाते हैं। सुगंध के लिए उन साबुनों में रसायनों की उच्च मात्रा में मिलावट रहती है।
हालांकि, उन्हें लगातार त्वचा, शरीर की गर्मी से संबंधित लांखो रोगियों का सामना करना पड़ाता है, इसलिए वे 10 वर्षों से अधिक समय से यह बेहतरीन प्राकृतिक साबुन बनाने के बारे में निर्माण में लगे हुए हैं जो अधिकांश समस्याओं का समाधान करेगा।
वर्षो से, उन्होंने अविश्वसनीय औषधीय प्रभाव के साथ मुख्य रूप से महंगे प्राकृतिक केसर और शुद्ध लाल चंदन से अविश्वसनीय साबुन बनाकर एक रिकॉर्ड बनाया है। साथ ही में, उन्होंने यह सुपर साबुन एक हजार से अधिक लोगों को जांचने के लिए दिया, जिसका परिणाम अभूतपूर्व था। उस साबुन को प्रकृतिवादी लोगों के बीच जबरदस्त परिणाम दिया है।
केरल वैद्यर द्वारा बनाए गए प्राकृतिक साबुन से रथिरा आयुर्वेद ने पूर्ण अधिकार हासिल लिया है। जिसे लोग “रथिरा केसर” नाम से जाने जा चुके हैं। और यह प्राकृतिक साबुन की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है।
सबसे ज्यादा इस साबुन के खरीदार ईरान में है। भारत में बने इस साबुन की कीमत लगभग ₹10,000 है, जिसमें ईरान के ग्राहकों तक पहुँचने पर अन्य सभी खर्च शामिल हैं।
कंपनी का मानना है कि एक साबुन की मूल्य उस देश की कीमत के हिसाब से दस हजार के बराबर होती है। अब “रथिरा केसर साबुन” की दुनिया भर में ख्याति है। और यह भारत में सिर्फ ₹299 में मिलता है।