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गुड़िया स0 ब्यूरो सीतमाढ़ी :- खुले में शौच करने की प्रथा के उन्मूलन के पश्चात ग्राम पंचायत की स्वच्छता संबंधी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में अगली प्राथमिकता नियमित रूप से उत्पन्न होने वाली अपशिष्ट सामग्री का सुरक्षित एवं कारगर ढंग से निस्तारण करना है। इस क्रम में सीतामढ़ी जिले में भी 49 पंचायतों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन कार्यक्रम को मूर्त रूप देने की दिशा में अभियान चलाया जा रहा है। उक्त कार्य सभी विभागों/ स्टेकहोल्डर्स के साथ परस्पर समन्वय के साथ निर्धारित अवधि के अंदर पूर्ण करना होगा।साथ ही कार्य की गुणवत्ता विशेषकर क्रय किए जाने वाले वस्तुओं/ सामानों की गुणवत्ता हर-हाल में अक्षुण्ण रखनी होगी।
उक्त बात उप विकास आयुक्त-सह- प्रभारी जिलाधिकारी सीतामढ़ी विनय कुमार ने ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर आधारित जिला स्तरीय एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम में उपस्थित पदाधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कही।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम जिला जल एवं स्वच्छता समिति सीतामढ़ी के तत्वाधान में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत समाहरणालय स्थित परिचर्चा भवन में आयोजित की गई।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम में प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि सभी स्थानीय जनप्रतिनिधि प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ परस्पर समन्वय के साथ कार्य करते हुए उक्त अभियान को मूर्त रूप देने की दिशा में आवश्यक कार्य करना सुनिश्चित करें।
उन्होंने उपस्थित सभी प्रखंड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आपूर्ति किये गए बस्तुओं की गुणवत्ता को परख लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर इस कार्य हेतु आप ही नोडल पदाधिकारी हैं।अतः प्रखंड स्तर पर अनुश्रवण करना आपका कर्तव्य है। इसमें किसी भी तरह की कोताही या लापरवाही पर जिम्मेदारी तय की जा सकती है।
उन्होंने कहा वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट (WPU)के निर्माण के मद्देनजर जहां एनओसी मिल गया है वहां तत्काल कार्य करना शुरू कर दें और स-समय निर्माण करना सुनिश्चित करें।जहां एनओसी नहीं मिला है वहां संबंधित अंचल अधिकारी इस संबंध में गंभीरता पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करें।
कार्यशाला में उपस्थित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने के द्वारा कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए जिस पर अमल करने के बात प्रभारी जिलाधिकारी के द्वारा कही गई। प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि आगे आने वाले दिनों में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन से संबंधित कार्यशाला का आवश्यकत पड़ने पर पुनः आयोजन किया जा सकता है। कार्यशाला में उपस्थित वरीय पदाधिकारियों के द्वारा ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन से संबंधित सभी तकनीकी बातों की जानकारी उपस्थित पदाधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ साझा की गई। अपशिष्ट प्रबंधन का उद्देश्य एवं इसका महत्व एवं पंचायतों को इससे होने वाले वित्तीय लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी भी उपलब्ध कराई गई।
वही कार्यक्रम में उपस्थित डिस्टिक कोऑर्डिनेटर, जिला जल स्वच्छता समिति शंकर शंभू ने बताया कि ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन कार्यक्रम जिले के 17 प्रखंडों के 49 पंचायतों में शुरू किया गया है। सभी पंचायतों में WPU का निर्माण किया जाना है। बताया कि जिन 28 WPU पर कार्य चल रहा है उनका अद्धतन स्थिति निम्न है:-
बथनाहा प्रखंड के बखरी पंचायत में 01 WPU का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है जबकि अन्य प्रखंडो में 06 WPU का निर्माण छत लेवल तक हो चुका है,11का ले आउट हो चुका है ,04 पर कार्य शुरू है,जबकि प्लिंथ लेबल पर 06 और लिंटर लेबल पर एक कार्य पूर्ण है।
बैठक में जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कमल सिंह भी मौजूद थे।